कुप्रबंधन ने फीका किया श्रावस्ती महोत्सव का रंग
श्रावस्ती: उत्साह के साथ शुरू हुए श्रावस्ती महोत्सव का रंग कुप्रबंधन के चलते फीका हो रहा है। अतिथियों के बैठने का स्थान तो आरक्षित है, लेकिन यहां किसी के भी बैठने से रोक नहीं है। अति महत्वपूर्ण लोगों की दीर्घा में अर्दली, चपरासी व लिपिक बैठे नजर आए। इसी प्रकार प्रेस दीर्घा में वाहन चालक व सफाईकर्मियों का कब्जा रहा। विशिष्ट होने का पास लेेकर परिवार समेत कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे अधिकारी भटकते देखे गए।
चित्र- महोत्सव सभागार में वीवीआईपी के लिए लगे सोफे पर बैठे कर्मचारी.
विकास क्षेत्र इकौना के बौद्ध तीर्थ क्षेत्र में चाइना मंदिर के निकट चल रहे श्रावस्ती महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम मुख्य आकर्षण होते हैं। इसके लिए बने भव्य पांडाल में प्रवेश के लिए चार दरवाजे बना गए हैं। अति विशिष्ट अतिथि, महिला, प्रेस व सामान्य लोगों के लिए अलग-अलग दीर्घा बनाई गई है। महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए विशिष्ट लोगों को आमंत्रण पत्र दिया गया है। प्रवेश द्वार पर पहरा होता है, लेकिन पांडाल में प्रवेश करने के बाद मनमाफिक कुर्सी लेकर बैठने के लिए कोई रोक-टोक नहीं है। बीते वर्ष हुए महोत्सव में भी यह अव्यवस्था देखने को मिली थी। इसके बावजूद जिम्मेदारों ने सीख नहीं ली। सोमवार को यहां पांडाल में स्थान न मिलने से कई अधिकारी भटकते देखे गए। रुतबे के हिसाब से सम्मानजनक कुर्सी न मिलने से नाराज कांग्रेस नेता नसीम चौधरी ने हंगामा भी काटा
कहने को श्रावस्ती महोत्सव, दिखने में दलित चिंतन महासभा
- सामाजिक एकता व अखंडता के मंच जिताऊ दावे श्रावस्ती महोत्सव में तार-तार होते दिखे। यहां मंच पर मुंशी प्रेमचंद के लिखित नाटक सद्गति के मंचन के दौरान ऐसा महसूस हुआ कि हम दलित चिंतन महासभा में बैठे हों। हिंदू धर्म मे सैकडों वर्ष पूर्व व्याप्त कुरीतियां जो आज के दौर में अपनी प्रासंगिकता खो चित्र - नाटक का मंचन करते कलाकार
चुकी है उनका चित्रण नाटक के माध्यम से किया गया। ब्रह्मण को उन कुरीतियों के लिए जिम्मेदार दर्शाया गया। ऐसा लगा कि किसी विशेष उद्देश्य से भर चुके घाव को कुरेदकर समाज के अलग-अलग वर्णों एक दूसरे के खिलाफ रहने का संदेश दिया जा रहा हो। सरकारी मंच से हुए इस कार्यक्रम की मौजूद लोगों ने निंदा की। हर शिक्षित आंखों में सवाल था कि महोत्सव के लिए इस कार्यक्रम का चयन किसने किया। इसके पीछे क्या उद्देश्य थे? बता दें कि यह आयोजन बौद्ध तीर्थ क्षेत्र में हो रहा है।
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