बिना शह के कैसे फल फूल रहे अवैध नर्सिंग होम.....
-कागजी ही है बेटी-बचाओ, बेटी- पढ़ाओ का नारा
श्रावस्ती: इन दिनों बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चल रहा है। लोगों को जागरूक करने के लिए पोस्टर, बैनर रैली, गोष्टी आदि सरकारी तामझाम भी दिख रहे हैं। इस सब के बीच कर्यक्रम की मंशा पर जिम्मेदारों की निष्ठा सवालों के घेरे में है।
इकौना क्षेत्र में एक ही दिन नाली में भ्रूड़ व नाले में नवजात बच्ची का शव मिलना व्यवस्था की नीव खोखली होने की पुष्टी करता है। चर्चा अाम है कि नगर में धड़ल्ले से अवैध नर्सिंग होम चल रहे हैं। बिना अथाॅरिटी के डॉक्टर तो अपनी दुकान चला ही रहे हैं। एएनएम व आशा भी जच्चा बच्चा केंद्र संचालित कर रही हैं। वर्षों से चल रहे इन केंद्रों पर भ्रूड़ हत्या आम बात है। सवाल उठता है कि जो बात आम चर्चा में है, क्या स्वास्थ्य व प्रशासनिक महकमें के जिम्मेदार उससे अनभिज्ञ हैं? क्या जिम्मेदारों की शह के बिना यह अवैध नर्सिंग होम चल सकते हैं? बताया जाता है कि इकौना नगर में जिस स्थान पर भ्रूड़ मिला है उसके आसपास भी अवैध नर्सिंग होम संचालित है। रविवार को भ्रूड़ व नवजात बच्ची का शव मिलने के बात सोमवार को एक टीम ने इकौना में छापामारी की। इस दौरान अवैध दुकानों के शटर बंद मिले। अवैध दुकान चला रहे लोगों को छापामारी की सूचना पहले से कैसे मिल गई। इस सवाल का उत्तर नहीं मिल सकता। सुर्खियों में आए इस मामले की फाइल भी वजनदार बंडल हाथ हाथ लगते ही दबा दिया जाएगा। इसके लिए कार्रवाई की औपचारिकता पूरी कर ली गई है। ऐसी व्यवस्था में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा सिर्फ ढ़ोंग व प्रचार प्रसार के प्रशासनिक प्रयास सरकारी धन को डकारने का माध्यम ही नजर आ रहा है।
-कागजी ही है बेटी-बचाओ, बेटी- पढ़ाओ का नारा
श्रावस्ती: इन दिनों बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चल रहा है। लोगों को जागरूक करने के लिए पोस्टर, बैनर रैली, गोष्टी आदि सरकारी तामझाम भी दिख रहे हैं। इस सब के बीच कर्यक्रम की मंशा पर जिम्मेदारों की निष्ठा सवालों के घेरे में है।
इकौना क्षेत्र में एक ही दिन नाली में भ्रूड़ व नाले में नवजात बच्ची का शव मिलना व्यवस्था की नीव खोखली होने की पुष्टी करता है। चर्चा अाम है कि नगर में धड़ल्ले से अवैध नर्सिंग होम चल रहे हैं। बिना अथाॅरिटी के डॉक्टर तो अपनी दुकान चला ही रहे हैं। एएनएम व आशा भी जच्चा बच्चा केंद्र संचालित कर रही हैं। वर्षों से चल रहे इन केंद्रों पर भ्रूड़ हत्या आम बात है। सवाल उठता है कि जो बात आम चर्चा में है, क्या स्वास्थ्य व प्रशासनिक महकमें के जिम्मेदार उससे अनभिज्ञ हैं? क्या जिम्मेदारों की शह के बिना यह अवैध नर्सिंग होम चल सकते हैं? बताया जाता है कि इकौना नगर में जिस स्थान पर भ्रूड़ मिला है उसके आसपास भी अवैध नर्सिंग होम संचालित है। रविवार को भ्रूड़ व नवजात बच्ची का शव मिलने के बात सोमवार को एक टीम ने इकौना में छापामारी की। इस दौरान अवैध दुकानों के शटर बंद मिले। अवैध दुकान चला रहे लोगों को छापामारी की सूचना पहले से कैसे मिल गई। इस सवाल का उत्तर नहीं मिल सकता। सुर्खियों में आए इस मामले की फाइल भी वजनदार बंडल हाथ हाथ लगते ही दबा दिया जाएगा। इसके लिए कार्रवाई की औपचारिकता पूरी कर ली गई है। ऐसी व्यवस्था में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा सिर्फ ढ़ोंग व प्रचार प्रसार के प्रशासनिक प्रयास सरकारी धन को डकारने का माध्यम ही नजर आ रहा है।
वैरी गुड
ReplyDeletethanx..
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